Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari | श्री खाण्डेश्वर नाथ महादेव शिव मंदिर

Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari | श्री खाण्डेश्वर नाथ महादेव शिव मंदिर बुराड़ी दिल्ली

खाण्डेश्वर नाम कैसे पड़ा? 

गाँव के बीचो बीच खाण्डेश्वर मंदिर आज भी अपनी महिमा दर्शाता हुआ लोगों की आस्था का प्रतीक बना हुआ है।  इस मंदिर का आज के परिवेश में गांव-वासियों ने मिलकर जीर्णोद्धार कर दिया है जो देखने में बहुत सुन्दर है। 

इस मंदिर का उल्लेख श्रीमद्भागवत गीता, महाभारत काल और वेद – पुराण में भी आता है । प्राचीन काल में यह जगह खाण्डेश्वर वन के नाम से प्रसिद्ध थी और वर्तमान दिल्ली उस समय पर खांडवप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। 

महाभारत काल में, खांडव वन पांडवों के हिस्से में (https://en.m.wikipedia.org/wiki/Khandava_Forest) आये थे। अग्नि देवता की सहायता से, पांडवों ने इन वनों को हटाकर इस स्थान को रहने योग्य बनाया और उसे इन्द्रप्रस्थ का नाम दिया गया। जिसे आप आज दिल्ली के नाम से जानते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि जिस स्थान पर खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ने खाण्डेश्वर वन को हटाने के लिए अग्नि देवता से प्रार्थना कर अग्नि प्रज्वलित करी थी, उसी स्थान पर उन्होंने मिलकर एक शिवलिंग की स्थापना की थी और यही आज खाण्डेश्वर शिव मंदिर शिवालय (Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari) के नाम से जाना जाता है। 

बताया जाता है कि लगभग 70 वर्ष पहले इस प्राचीन खाण्डेश्वर शिव मंदिर में 12 वर्ष का एक बालक आया और यहाँ रहने लगा । उस बालक का नाम नारायण दत्त देश पांडेय था जिन्होंने इसी मंदिर में रहकर उच्च शिक्षा ग्रहण की और आगे चलकर वे मंदिर के पुजारी भी बने । वे महाराज जी के नाम से पुरे गांव में जाने जाते थे। 

साल 1990 में एक बार मंदिर का जीर्णोद्धार कर पुनः स्थापित करने की शुरुआत हुई । जिस तरह इस प्राचीन मंदिर का उल्लेख श्री मदभागवत गीता, महाभारत और वेद पुराण में आया है ठीक वैसे ही खुदाई के दौरान भगवान शिव से जुड़े कुछ अवशेष और पिंड मिले । गांव के लोगों ने फिर से यहाँ पर शिव मंदिर स्थापित करने के लिए, शिवलिंग को ऊपर उठाने के प्रयास में काफी खुदाई कराई । लेकिन वे शिवलिंग के आखिर तक नहीं पहुंच सके ।

अंततः मंदिर के पुजारी श्री नारायण दत्त देशपांडे जी (महाराज जी) ने यहां 101 ब्राह्मणों द्वारा महायज्ञ कराया | ऐसा कहा जाता है की शिवलिंग खुद ही आवश्यकता के अनुसार से ऊपर उठने लगा और तब जाकर पुनः एक बार भगवान शिव का मंदिर स्थापित हुआ । मंदिर का वह प्राचीन नाम श्री खाण्डेश्वर नाथ शिव मंदिर रखा गया | गांव के लोग इसे शिवालय भी कहते हैं ।

गाँव के लोगों के साथ साथ आसपास स्थित बसी कालोनियों के लोग भी इस मंदिर में भक्ति भावना से भगवान के दर्शन करने आते हैं।  

अगर आप बुराड़ी या बुराड़ी के आस पास कहीं रहते हैं तो आपको यह मंदिर अवश्य देखना चाहिए।  

Khandeshwar-Nath-Mahadev-Mandir-Shivling-Burari

Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari Address

khandeshwar Nath mahadev, Block D, Pradhan Enclave, Burari, village, Delhi 110084

Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari Timing

सुबह 10 AM से 5 PM तक

Khandeshwar Nath Mahadev Mandir Burari Contact

Instagram account:

@KHANDESHWAR_NATH

@KHANDESHWARNATHMAHADEV

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